Ugadi या Gudi Padwa हिंदू धर्म में बहुत ही ज्यादा महत्व रखने वाला त्यौहार है। यह त्यौहार हिंदू न्यू वर्ष के शुरुआत के उत्सव को बनाने के लिए मनाया जाता है। इस साल यह त्यौहार 9 अप्रैल 2024 को मनाया जाएगा।
उगादि और गुड़ी पड़वा के मानने के पीछे कई सारे धार्मिक महत्व छिपे हुए हैं।
Ugadi याGudi Padwa का महत्व
हिंदू माइथोलॉजी के अनुसार, इस दिन भगवान ब्रह्मा ने पूरे संसार को बनाया था Ugadi को Yugadi शब्द से लिया गया है। जिसका मतलब होता है “एक नए युग की शुरुआत”। इस त्यौहार को आंध्र प्रदेश, कर्नाटक तथा तेलंगाना राज्य में “Ugadi” त्योहार के नाम से मनाया जाता है। वहीं पर महाराष्ट्र और गोवा में “गुड़ी पड़वा” के नाम से इस त्यौहार को मनाया जाता है।
उगादि या Gudi Padwa के त्यौहार को नए वर्ष के उपलक्ष पर मनाया जाता है। इस दिन लोग हिंदू रीति रिवाज के अनुसार मंदिरों में जाते हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं। लोग इस दिन अपने परिवार के साथ मिठाइयां बनाकर और दोस्तों, रिस्तेदारो को खिलाकर त्यौहार को धूमधाम से मनाते हैं।
Ugadi या Gudi Padwa त्योहार के पीछे अनुष्ठान
Gudi Padwa के इस पावन अवसर पर लोग सुबह जल्दी उठकर नहाते हैं। नहाने से पहले अनुष्ठान के अनुसार पूरे शरीर पर तेल लगाते हैं। लोग नए कपड़े पहनकर अपने घर के बाहर रंगोली बनाते हैं और मंदिरों में पूजा पाठ करने जाते हैं। मंदिरों में चढ़ाए हुए प्रसाद या भोग को अपने दोस्तों और परिवार के साथ बांटते हैं और एक दूसरे के साथ गिफ्ट्स का भी आदान-प्रदान करते हैं।
इस त्यौहार पर एक स्पेशल डिश “Pachadi” को मनाया जाता है। जो अच्छा और नीम की पत्तियों से बनाई जाती है।
Ugadi या Gudi Padwa त्योहार का इतिहास
Ugadi शब्द Yugadi से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है “नए युग की शुरुआत”। 12वी शताब्दी के महान गणितज्ञ भास्करचार्य ने इस त्यौहार को नव वर्ष के उपलक्ष पर मनाना शुरू किया था। तब से यह त्योहार हिंदू नव वर्ष की शुरुआत के लिए मनाया जाता है।
तिथि और मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के अनुसार Ugadi या Gudi Padwa प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल को रात के 11:50 PM से लेकर प्रतिपदा तिथि 9 अप्रैल के 8:30 PM तक मनाया जाता है।