क्या आप भी है बच्चों की हरकतों से परेशान तो जानिए कैसे उनकी आदतों को सुधारे! और उनके बिहेवियर में चेंज लाइन।

क्या आप भी है बच्चों की हरकतों से परेशान तो जानिए कैसे उनकी आदतों को सुधारे! और उनके बिहेवियर में चेंज लाइन।

आज के टाइम पर एडोलिसेंट एज के बच्चों में पॉजिटिव हैबिट्स का होना बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है। फिजिकल एक्टिविटी ,स्क्रीन टाइम , यूट्रीशन स्टेटस, अच्छी नींद, उनके ग्रोथ एंड डेवलपमेंट को अटैक करती है। ऐसे में उनके पेरेंट्स और गार्डियन जिम्मेवार है उनको ही सारी आदतें सिखाने के लिए।

एक अच्छी बैलेंस डाइट जैसे की फ्रूट, वेजिटेबल वाटर इंटेक होल ग्रेन सब कुछ नियमित रूप से दिया जाए और इसके अलावा चीनी, शक्कर, नमक, तला हुआ फैट्स जैसी चीजों का सेवन कम किया जाए, जिससे उनकी डाइट में सुधार हो और वो मोरल वैल्यू सीखे।

प्रोटीन का सेवन बहुत जरूरी है जिसके अंदर की लो डेयरी फैट के प्रोडक्ट्स हो। पानी का भरपूर मात्रा में सेवन करना बहुत आवश्यक है। इसके अलावा जिन ड्रिंक्स के अंदर शुगर का कंटेंट ज्यादा है उन्हें अवॉइड करें।

सारे दिन भर स्नेक्स ना खाएं सुबह उठते ही एक अच्छा सा हाई प्रोटीन ब्रेकफास्ट खाएं और शाम के स्नैक्स के टाइम पर फ्रूट्स और वेजिटेबल्स ही लें। बार-बार मंचिंग की आदत से डाइट खराब होती है और इसकी वजह से मोटापा भी जल्दी आता है। दिन के टाइम पर दही खाएं, जिसमें की अलग-अलग टाइप की वेजीज को मिक्स करके खा सकते हैं। जिसकी वजह से सारा दिन भर एनर्जी लेवल बना रहता है।

also read: क्यों अकेलेपन की शिकार महिलाएं ज्यादा मीठा खाना पसंद करती है??

अब बारी आती है फिजिकल एक्टिविटीज की जो की बहुत ही अहम हिस्सा है बच्चों की अच्छी आदतों में सुधार लाने के लिए। बहुत अच्छी वॉक करना, रनिंग करना, साइकिल चलाना, एक्सरसाइज योगा यह सारी ही चीज उतने ही इंपॉर्टेंट है जितना कि खाना पीना इसकी वजह से स्वास्थ्य हमेशा ठीक रहता है और मेंटल और सोशल हेल्थ भी इंक्रीज होती है।

अब सबसे अहम चीज वह है स्क्रीन टाइम का मैनेजमेंट, आजकल दुनिया इतनी डिजिटल हो चुकी है कि अब हर चीज फोन से लैपटॉप से की जाती है। बच्चे भी बड़ों से ज्यादा फोन उसे करने लगे हैं तो उनका स्क्रीन टाइम मैनेजमेंट बहुत ज्यादा इंपोर्टेंट है। उन्हें उतने ही देर चलने दिया जाए जितना की जरूरी हो बाकी टाइम पर उन्हें स्क्रीन से दूर रहने के लिए कहा जाए। इससे उनका स्ट्रेस लेवल डिक्रीज होता है, एंजायटी से दूर रहते हैं और उन्हें नींद भी अच्छी आती है।

नींद अच्छी होने से बायोलॉजिकल क्लॉक सही रहता है, सुबह बच्चे फ्रेश मन से उठते हैं तो सारा दिन अच्छा जाता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top