रिसर्च से पता चलता है कि अकेले रहने वाली महिलाएं खाने की क्रेविंग्स से जुड़े मामलों में उनके दिमाग के मूवमेंट्स में इंक्रीमेंट दिखाई देता है। खासकर जब मिठाई जैसे हाई कैलोरी वाले प्रोडक्ट्स। ये क्रेविंग अनहेल्दी खाने पीने की आदतों और नाजुक मेंटल हेल्थसे जुड़ी हैं। कॉविड-19 के चलते जो सोशल आइसोलेशन आया है।
उससे भी काफी अकेलेपन में औरतें धसती गई है और उसी की वजह से उनकी मेंटल हेल्थ पर काफी इफेक्टभी पड़ा है। जैसे कि डिप्रैशन ,एंजायटी, ज्यादा खाना और ओबेसिटी मोटापा।
रिसर्च से पता चला है कि 100 में से 93 महिलाएं खुद को अकेलेपन का शिकार बना लेती है। एम आर आई की रिपोर्ट से भी पता चला है कि कैसे जो महिलाएं ज्यादा मीठा या ज्यादा साल्टी खाना खाती है। उनकी व्यवहार में बहुत फर्क आया है बजाए नॉर्मल फूड खाने के।
इस अकेलेपन की वजह से उन्हें ज्यादा स्वीट खाने की क्रेविंग्स होती है और उनके ईटिंग बिहेवियर में वह कंट्रोल नहीं कर पाती।
रिसचर्स बताते हैं कि अकेलापन न केवल इमोशंस को बल्कि खाने के व्यवहार को भी प्रभावित करता है, अनहेल्दी पैकेट फूड्स के लिए क्रेविंग्स बढ़ाता है और नेगेटिव मेंटल सिंप्टोम्स को बढ़ाता है।
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